Happy Dussehra
यह एक विज्ञान सम्मत सत्य है कि सृष्टि की सारी रचनायें, सूक्ष्मतम परमाणु से लेकर विशालकाय आकाशीय पिंड तक का सृजन, ऊर्जा और उसके स्पंदन के विलास से ही हुआ है। ऊर्जा ही सृजन की मूल है इसलिए तर्कतः उसकी अधिष्ठात्री देवी ने ही सम्पूर्ण ब्रह्मांड को सृजित किया है ऐसा माना गया है। ऊर्जा स्वयं में निर्जीव है इसलिए उसकी अधिष्ठात्री देवी माँ जगदम्बा उसे स्पंदित, संचालित और नियंत्रित करती हैं। ऊर्जा और उसके स्पंदन के संबंध में भौतिक विज्ञान में जो भी सिद्धांत और नियम हैं, वे सब शून्य से अचानक प्रकट नहीं हो गये, उनका निरूपण भी ऊर्जा की अधिष्ठात्री चेतना के द्वारा ही किया गया है।
परमाणुओं से लेकर पिंडों तक में "बुद्धि रूपेण संस्थिता" होकर वे ही उन्हें निरूपित नियमों की मर्यादा के अनुसार व्यवहार करने का अनुशासन देती हैं।
दशहरा पर्व में हम इसी देवी की पूजा महिषासुरमर्दिनी माँ दुर्गा के रूप में करते हैं। ऊर्जा / शक्ति की अधिष्ठात्री देवी माँ महिषासुरमर्दिनी हमारे अन्तः की पाशविक (महिष) और आसुरी (+ असुर) प्रवृतियों के मर्दन के लिए हमें शक्ति दें, यही कामना है ।
दशहरा की सबको शुभकामनायें । 🙏
Punamchand
5 October 2022
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